कर्नाटक के तटीय शहर मंगलुरु में एक बार फिर सांप्रदायिक तनाव ने जोर पकड़ लिया है। बजरंग दल के पूर्व सदस्य सुहास शेट्टी की हत्या के बाद पूरे दक्षिण कन्नड़ जिले में तनाव का माहौल है। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने इस घटना के विरोध में बंद का आह्वान किया है, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ है।
कौन थे सुहास शेट्टी?
सुहास शेट्टी, 42 वर्षीय, बजरंग दल के पूर्व सदस्य थे और उन पर कई आपराधिक मामले दर्ज थे। वह 2022 में सुरथकल में 23 वर्षीय मोहम्मद फाज़िल की हत्या के मुख्य आरोपी थे, जिसे भाजपा नेता प्रवीण नेत्तारु की हत्या के बदले की कार्रवाई माना गया था।
हत्या की घटना
1 मई की रात करीब 8:30 बजे, जब सुहास शेट्टी अपने साथियों के साथ कार में यात्रा कर रहे थे, तब किन्निपदावु क्षेत्र में दो वाहनों ने उनकी कार को रोका। पांच से छह हमलावरों ने तलवारों और धारदार हथियारों से उन पर हमला किया। उन्हें तुरंत ए.जे. अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया।
सुरक्षा उपाय और बंद
हत्या के बाद, मंगलुरु पुलिस ने धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की है, जो 6 मई तक प्रभावी रहेगी। विहिप और अन्य हिंदू संगठनों ने 2 मई को दक्षिण कन्नड़ जिले में बंद का आह्वान किया, जिससे हंपनकट्टा, सुरथकल, उल्लाल और पुत्तूर जैसे क्षेत्रों में दुकानें बंद रहीं और परिवहन सेवाएं बाधित हुईं। कुछ स्थानों पर पत्थरबाजी की घटनाएं भी हुईं।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने घटना की निंदा करते हुए दोषियों को जल्द गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया है। वहीं, भाजपा नेताओं ने कांग्रेस सरकार पर कानून व्यवस्था की विफलता और तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगाया है।
सुहास शेट्टी की हत्या ने कर्नाटक के तटीय क्षेत्रों में एक बार फिर सांप्रदायिक तनाव को उजागर किया है। सरकार और प्रशासन के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण समय है, जहां उन्हें शांति बनाए रखने के साथ-साथ दोषियों को न्याय के कटघरे में लाना होगा।