22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई। इस हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है। भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी समूहों को जिम्मेदार ठहराया है, जबकि पाकिस्तान ने इन आरोपों से इनकार किया है।
इस संकट के बीच, अमेरिका ने भारत के साथ खड़े होने का स्पष्ट संकेत दिया है। अमेरिकी संसद के स्पीकर माइक जॉनसन ने कहा, “भारत को हर हाल में आतंकवाद के खिलाफ खड़ा होना होगा। हम भारत का साथ देने का हर मुमकिन प्रयास करेंगे। ट्रंप प्रशासन आतंकवाद से निपटने के लिए भारत को हर संसाधन मुहैया कराएगा।”
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इस हमले की निंदा की और भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ भारत के प्रयासों का समर्थन करता है और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करेगा।
इस हमले के बाद, भारत ने पाकिस्तान के साथ अपने राजनयिक संबंधों को कम कर दिया है और दोनों देशों के बीच व्यापारिक और यातायात संबंधों को निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा, दोनों देशों ने अपनी सीमाओं पर सैन्य गतिविधियां बढ़ा दी हैं, जिससे क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी इस हमले की निंदा की है और भारत और पाकिस्तान से संयम बरतने और बातचीत के माध्यम से समाधान निकालने की अपील की है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने दोनों देशों से तनाव कम करने और संवाद स्थापित करने का आग्रह किया है।
पहलगाम आतंकी हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से मौजूद तनाव को और गहरा कर दिया है। अमेरिका का भारत के साथ खड़ा होना और आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाना भारत के लिए एक महत्वपूर्ण समर्थन है। हालांकि, इस संकट का समाधान केवल सैन्य कार्रवाई से नहीं, बल्कि दोनों देशों के बीच संवाद और सहयोग से ही संभव है।