अमेरिकी टैक्स का असर: बिहार का मखाना अमेरिका में महंगा, निर्यातकों की चिंता बढ़ी

परिचय:
बिहार के सुपरफूड के रूप में प्रसिद्ध मखाना अब अमेरिकी बाजारों में महंगा होता जा रहा है। डोनाल्ड ट्रंप द्वारा दोबारा लगाए गए आयात शुल्क (टैरिफ) के कारण मखाने की कीमतों में भारी वृद्धि देखने को मिल रही है। इससे भारतीय निर्यातकों की चिंता बढ़ गई है और वे अब नए विदेशी बाजारों की तलाश में जुट गए हैं।


🌎 अमेरिका में क्यों बढ़ा मखाने का दाम?

डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका ने चीन समेत कई देशों पर फिर से भारी आयात शुल्क लगा दिए हैं। भारत से भी कई उत्पादों पर यह टैरिफ लागू हुआ है, जिनमें मखाना भी शामिल है। पहले जो मखाना अमेरिका में सस्ते दामों पर बिकता था, अब उस पर आयात कर के कारण 10-15% तक की वृद्धि हो गई है।


📦 निर्यात पर असर

बिहार के मिथिलांचल और दरभंगा क्षेत्र में बड़ी मात्रा में मखाना उत्पादन होता है। अमेरिका, यूरोप और खाड़ी देशों में इसकी भारी मांग है।
लेकिन अब:

  • अमेरिका को होने वाला निर्यात घटने की आशंका है
  • भारतीय निर्यातकों को नुकसान का सामना करना पड़ रहा है
  • स्टॉक पेंडिंग होने की स्थिति बन रही है

🔍 विकल्प की तलाश में निर्यातक

निर्यातक अब ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जापान और मिडिल ईस्ट जैसे देशों में संभावनाएं तलाश रहे हैं। इन बाजारों में भारतीय मखाना की पहले से ही अच्छी मांग है, और टैक्स का दबाव भी कम है।


📊 आंकड़ों पर नजर

  • भारत हर साल लगभग 300 करोड़ रुपये का मखाना निर्यात करता है
  • इसमें से लगभग 25% हिस्सा अमेरिका को जाता है
  • नया टैरिफ लागू होने के बाद अमेरिका से मांग में 20-30% तक की गिरावट की संभावना जताई जा रही है

💬 लोगों की प्रतिक्रियाएं:

  • “हमने अमेरिका में मखाना के बड़े ऑर्डर खो दिए हैं, अब यूरोप की ओर रुख करना पड़ेगा।” — निर्यातक
  • “सरकार को मखाना जैसे उत्पादों पर सब्सिडी और नए बाजारों की व्यवस्था करनी चाहिए।” — कृषि विशेषज्ञ
  • “बिहार के किसानों पर इसका बड़ा असर पड़ेगा।” — किसान नेता

📝 निष्कर्ष:

बिहार का मखाना वैश्विक स्तर पर एक खास पहचान रखता है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय व्यापार नीतियों का सीधा असर इसके बाजार पर पड़ा है। यह समय है जब भारत सरकार को वैकल्पिक बाजार, प्रोत्साहन योजनाएं और डिप्लोमैटिक प्रयासों के जरिए मखाना उद्योग को सहारा देने की आवश्यकता है।