उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने मदरसों की पढ़ाई को लेकर एक ऐतिहासिक और राष्ट्रवादी फैसला लिया है। अब राज्य के मदरसों में भी छात्रों को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और भारत की आतंकवाद के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की जानकारी दी जाएगी। यह कदम देशभक्ति, राष्ट्रीय एकता और सुरक्षा के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाया गया है।
क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान-ओक्यूपाइड कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकवादी ठिकानों पर की गई एक निर्णायक सैन्य कार्रवाई थी। यह ऑपरेशन 7 मई को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया था, जिसमें कई जवान और नागरिक शहीद हुए थे।
इस ऑपरेशन में भारत ने एक साथ 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया और 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया। दुनिया भर में भारत के इस जवाब को एक सशक्त कदम के रूप में देखा गया।
मदरसों में राष्ट्रभक्ति का पाठ
धामी सरकार का मानना है कि मदरसों में पढ़ रहे छात्रों को भी देश की सैन्य कार्रवाई, राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ किए गए ऑपरेशनों की जानकारी होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा:
“हर छात्र को यह जानना चाहिए कि देश की रक्षा के लिए हमारे सैनिक क्या बलिदान देते हैं और आतंकवाद के खिलाफ भारत कैसे डटकर खड़ा है।”
पाठ्यक्रम में क्या होगा शामिल?
- ऑपरेशन सिंदूर का इतिहास और महत्व
- भारतीय सेना की भूमिका
- आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति
- राष्ट्र की एकता और अखंडता पर बल
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
👉 सरकार समर्थक इस फैसले को ‘राष्ट्र निर्माण’ की दिशा में मजबूत कदम बता रहे हैं।
👉 विपक्ष इसे ‘धार्मिक शिक्षा में हस्तक्षेप’ करार दे रहा है।
👉 कई मुस्लिम संगठनों ने भी इस फैसले का समर्थन किया है, बशर्ते यह निष्पक्ष और देशभक्ति पर आधारित हो।
धामी सरकार का यह निर्णय देश के मदरसों को मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ने और छात्रों में देशभक्ति की भावना जागृत करने की दिशा में एक अहम पहल है। यह बदलाव न सिर्फ शिक्षा व्यवस्था को मजबूती देगा, बल्कि राष्ट्र निर्माण में भी योगदान देगा।