बिहार की सियासत में एक बार फिर तेज प्रताप यादव और उनकी पूर्व पत्नी ऐश्वर्या राय का मामला गरमा गया है। जेडीयू ने तेज प्रताप और उनके परिवार पर सीधा हमला करते हुए सवाल उठाया है कि आखिर ऐश्वर्या को न्याय कब मिलेगा। पार्टी ने यह भी कहा कि तेज प्रताप को न केवल परिवार से बल्कि आरजेडी पार्टी से भी बेदखल कर देना चाहिए।
विस्तृत ब्लॉग:
बिहार की राजनीति में व्यक्तिगत और पारिवारिक विवाद अब एक बार फिर सियासी मुद्दा बन गया है। इस बार जेडीयू ने आरजेडी नेता तेज प्रताप यादव पर निशाना साधते हुए उनके पारिवारिक विवाद को लेकर लालू परिवार पर तीखा हमला बोला है।
क्या है पूरा मामला?
तेज प्रताप यादव और ऐश्वर्या राय का विवाह 2018 में हुआ था, लेकिन कुछ ही महीनों में दोनों के बीच विवाद इतना बढ़ा कि ऐश्वर्या ने घरेलू हिंसा, मानसिक प्रताड़ना और अमर्यादित व्यवहार जैसे गंभीर आरोप लगाते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
इसके बाद से यह मामला सार्वजनिक रूप से उठता रहा है, लेकिन अब तक कोई ठोस न्यायिक नतीजा सामने नहीं आया है। ऐश्वर्या बार-बार मीडिया और अदालत में अपनी पीड़ा व्यक्त कर चुकी हैं।
जेडीयू का आरोप और सवाल:
जेडीयू प्रवक्ता ने हाल ही में तेज प्रताप यादव पर निशाना साधते हुए कहा:
“ऐश्वर्या राय को न्याय कब मिलेगा? तेज प्रताप न सिर्फ पत्नी के लिए अमर्यादित व्यवहार करते हैं, बल्कि राजनीतिक तौर पर भी अपरिपक्व हैं। उन्हें पार्टी और परिवार दोनों से निकाला जाना चाहिए।”
उन्होंने यह भी कहा कि अगर लालू प्रसाद यादव खुद को न्यायप्रिय नेता मानते हैं तो उन्हें अपनी बहू को न्याय दिलाने के लिए आगे आना चाहिए।
तेज प्रताप का राजनीतिक व्यवहार भी निशाने पर:
तेज प्रताप यादव का राजनीतिक व्यवहार हमेशा चर्चा का विषय रहा है। कभी भगवान कृष्ण की तरह वेशभूषा, तो कभी पार्टी से नाराज़गी जाहिर कर सोशल मीडिया पर भावुक पोस्ट—तेज प्रताप हमेशा विवादों में रहे हैं।
जेडीयू ने यह भी कहा कि ऐसे नेता का पार्टी में बने रहना आरजेडी की छवि को नुकसान पहुंचाता है।
आरजेडी की चुप्पी:
अब तक इस मुद्दे पर आरजेडी की ओर से कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। तेज प्रताप अक्सर अकेले ही मीडिया से रूबरू होते हैं, जबकि लालू यादव और तेजस्वी यादव इस विषय पर चुप्पी साधे हुए हैं।
यह मामला सिर्फ एक पारिवारिक विवाद नहीं रह गया है, बल्कि अब यह बिहार की राजनीति का अहम मुद्दा बनता जा रहा है। तेज प्रताप के व्यवहार और ऐश्वर्या को न्याय न मिलने का सवाल आरजेडी की नैतिकता और पारदर्शिता पर भी प्रश्नचिह्न खड़ा कर रहा है।
राजनीति में निजी जीवन से जुड़े मुद्दों को उठाना हमेशा संवेदनशील होता है, लेकिन जब बात न्याय की हो और उस पर सियासी चुप्पी साधी जाए, तो सवाल उठना स्वाभाविक है।